इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
कोर्ट ने कहा - अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब किसी पर हमला करना नहीं है।
कुनाल कामरा के मामले में सुनवाई
कुनाल कामरा पर CM योगी आदित्यनाथ को लेकर
आपत्तिजनक टिप्पणी
करने का आरोप है।
अभिव्यक्ति की आज़ादी की सीमा
कोर्ट ने कहा - हर किसी को बोलने का हक है, लेकिन
मर्यादा जरूरी है
।
सोशल मीडिया पर भड़काऊ बातें नहीं चलेगी
कोर्ट ने साफ किया - सोशल मीडिया का इस्तेमाल किसी की छवि खराब करने के लिए नहीं हो सकता।
CM या संवैधानिक पदों का सम्मान जरूरी
किसी मुख्यमंत्री या संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति पर
निजी हमले नहीं किए जा सकते
।
कोर्ट ने कही संवेदनशीलता की बात
कोर्ट ने कहा - लोकतंत्र में आलोचना जरूरी है लेकिन
अपमान करना गलत है
।
कानूनी कार्रवाई के संकेत
ऐसे मामलों में अगर सीमा लांघी जाती है तो
कानूनी कार्रवाई हो सकती है
।
फेक न्यूज़ और भ्रामक पोस्ट पर भी चिंता
कोर्ट ने कहा - झूठी बातें फैलाना और गलत जानकारी देना भी
सजा के दायरे में आता है
।
सम्मानजनक भाषा का करें इस्तेमाल
कोर्ट ने सभी से अपील की - सोशल मीडिया पर
सम्मानजनक भाषा
का ही इस्तेमाल करें।
बड़ा संदेश - आज़ादी के साथ जिम्मेदारी जरूरी
अभिव्यक्ति की आज़ादी है लेकिन उसका इस्तेमाल सोच-समझकर और जिम्मेदारी से करना चाहिए।